PM PRANAM Yojana:जैसा कि हम सभी जानते हैं कि खेती में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। जिससे भूमि एवं मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक प्रभाव पड़ता है। कृषि में उपयोग होने वाले रासायनिक उर्वरक को कम करने के लिए वित्त मंत्री द्वारा एक नई योजना को शुरू किया गया है। जिसका नाम पीएम प्रणाम योजना है। PM PRANAM Yojana का पूरा नाम (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशन फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) है। इस योजना से किसान और आम आदमी दोनों को फायदा होगा। और साथ ही हमारा पर्यावरण पर भी रसायनिक उर्वरक का प्रभाव पड़ेगा। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से PM PRANAM Scheme से संबंधित संपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए आपको यह आर्टिकल ध्यान पूर्वक अंत तक पढ़ना होगा। ताकि आप इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त कर सकें।
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PM PRANAM Yojana
पीएम प्रणाम योजना को केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा शुरू किया गया है। किसानों द्वारा अपने खेतों में फसलें उगाने के लिए बड़े पैमाने पर रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। जिसके लिए सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरक पर सब्सिडी भी दी जाती है। इस सब्सिडी के कारण देश में रासायनिक उर्वरक उपयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जिससे सरकार पर काफी बोझ बढ़ रहा है। सरकार के इस बोझ को कम करने और खेती में रासायनिक उर्वरक का उपयोग कम करने के लिए PM PRANAM Yojana (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशन फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) को शुरू किया गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा पीएम प्रणाम योजना के लिए अलग से बजट का प्रावधान नहीं किया जाएगा। बल्कि सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरक पर प्रदान की जाने वाली सब्सिडी में खर्च की जाने वाली राशि में से 50% राज्यों को अनुदान के रूप में दिया जाएगा। और इस अनुदान का 70% गांव ब्लॉक में जिला स्तर पर रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक उर्वरक निर्माण के लिए किया जाएगा। और बाकी की 30% सब्सिडी को ऐसे किसान, किसान उत्पादक संगठन स्वयं सहायक समूह पंचायतों आदि को पुरस्कार व प्रोत्साहन के रूप में प्रदान किए जाएंगे जिन्होंने अपनी कृषि में रासायनिक उर्वरक इस्तेमाल ना किया हो, अर्थात अपनी खेती में रासायनिक उर्वरक का उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया है।
PM PRANAM Yojana 2023 Key Highlights
योजना का नाम | पीएम प्रणाम योजना |
शुरू की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
संबंधित विभाग | उर्वरक विभाग |
उद्देश्य | सरकार के ऊपर बढ़ते हुए रासायनिक उर्वरक की सब्सिडी के बोझ को कम करना |
लाभार्थी | देश के किसान |
वर्ष | 2023 |
पीएम प्रणाम योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा पीएम प्रणाम योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य खेती में उपयोग किए जाने वाले रासायनिक उर्वरकों को और केंद्र सरकार पर बढ़ती हुई सब्सिडी के बोझ को कम करना है। क्योंकि केंद्र सरकार पर हर साल सब्सिडी का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। क्योंकि सब्सिडी के कारण किसान अधिक रासायनिक उर्वरको का उपयोग कर रहे हैं। जिस के कारण मिट्टी की गुणवत्ता पर एवं मनुष्य के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है। इस योजना के माध्यम से रासायनिक उर्वरक के प्रयोग को कम किया जा सकेगा। और मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा। साथ ही सरकार पर पड़ने वाले बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
PM PRANAM Yojana में वैकल्पिक उर्वरको को दिया जाएगा बढ़ावा
पीएम प्रणाम योजना को 1 फरवरी 2023 को संसद में बजट 2023-24 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा घोषणा की गई। इस योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरको के प्रयोग को कम किया जा सकेगा। और राज्य के सभी किसानों को खेती के लिए वैकल्पिक उर्वरक को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही सरकार पर सब्सिडी के बोझ को भी कम किया जा सकेगा। क्योंकि हर साल रासायनिक उर्वरक की मांग बढ़ती ही जा रही है। जिससे सरकार के ऊपर सब्सिडी का बोझ हर साल बढ़ता ही जा रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार ने केंद्रीय बजट 2021-22 में रासायनिक उर्वरको पर सब्सिडी के रूप में 79530 करोड़ रुपए आवंटित किए थे जो संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 1.40 लाख करोड़ रुपए हो गए और 2021-22 में अंतिम आंकड़ा 1.62 लाख करोड़ रुपए पार कर गए। सरकार ने साल 2022- 23 में 1.05 लाख करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान रखा है। लेकिन उर्वरक मंत्री ने कहा है कि इस वर्ष सब्सिडी का आंकड़ा 2.25 लाख करोड़ रुपए को पार कर सकता है। वित्त मंत्री ने कहा है कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकारों को यूनिटि मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। और इन मॉल में एक जिला एक उत्पाद और भौगोलिक संकेतन उत्पादकों का प्रचार और बिक्री की जाएगी।
पीएम प्रणाम योजना के लाभ एवं विशेषताएं
- PM PRANAM Yojana को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा शुरू करने की घोषणा की गई हैं।
- सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरक के लिए खर्च की जाने वाली राशि के 50% की बचत होगी। जिसका उपयोग किसी अन्य विकास कार्य में किया जा सकेगा।
- पीएम प्रणाम योजना के माध्यम से रसायनिक उर्वरकों का उपयोग कम किया जा सकेगा।
- पहले से ही खर्च की जा रही सब्सिडी की 50% धनराशि राज्यों को अनुदान के रूप में दी जाएगी। जिसका उपयोग राज्य वैकल्पिक उर्वरक, तकनीकी एवं किसानों और इससे जुड़े लोगों को प्रोत्साहन हेतु दिए जाएंगे।
- Predhan mantri PRANAM Yojana (पीएम प्रमोशन ऑफ अल्टरनेटिव न्यूट्रिशन फॉर एग्रीकल्चर मैनेजमेंट योजना) के माध्यम से ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा मिलेगा।
- PM PRANAM Scheme के शुरू होने से सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम हो सकेंगा।
- देश के किसानों को अपनी फसल उत्पादन के लिए प्रयोग होने वाले रासायनिक उर्वरक को कम करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
- राज्य द्वारा केंद्र से प्राप्त सब्सिडी का 70% ब्लॉक गांव एवं जिला स्तर के वैकल्पिक रासायनिक उर्वरक के वैकल्पिक स्रोतों व तकनीकों पर खर्च कीए जाएंगे।
- और शेष 30% राशि को राज्य द्वारा स्वयं सहायक समूह किसान उत्पादन संगठनों एवं किसानों को रासायनिक उर्वरक का उपयोग ना करने पर प्रोत्साहन हेतु पुरस्कार के रूप में दिए जाएंगे।