Mahatma Gandhi Rural Industrial Park Yojana 2022 प्रदेश में बनने वाले 300 रूरल पार्क के उद्देश्य, लाभ एवं इस योजना के तहत रोजगार के साथ आय के अच्छे साधन के बारे में जाने
दोस्तों क्या आप महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना 2022 के बारे में जानते हैं| क्या आप जानते हैं कि गांधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांक्षी महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का शुभारंभ करते हुए प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क भूमिपूजन और शिलान्यास किया| मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस पहल से ग्रामीण परिवारों के लिए रोजगार और अच्छी आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में गांव के गोठानो को विकसित कराया जा रहा है| इस योजना के तहत गांव के लोगों को अधिक लाभ पहुंचेगा यदि आप भी इस योजना का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें| इसमें आपको Mahatma Gandhi Rural Industrial Park 2022 के बारे में बहुत सी विस्तार पूर्वक जानकारियां प्राप्त होगी|

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महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना 2022
गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की महात्मा गांधी जी के स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर गांव के सपनों को साकार करने में प्रदेशभर में बनने वाले 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी| इस योजना के माध्यम से गांवों के लोगों को स्वावलंबी बनाने के लिए मजबूती के साथ कदम उठाए गए हैं| गांव के लोगों को अच्छी आय एवं रोजगार प्रदान करने के लिए गांव के गोठानो को रूरल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए यहां बहुत सी आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित की जा रही है| इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जा रहे हैं जिनके लिए गोठानो में से 3 एकड़ भूमि में पार्क के लिए आरक्षित की गई है|
प्रत्येक विकासखंड में दो गोठानो को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है|
Mahatma Gandhi Rural Industrial Park Yojana 2022 Highlights
योजना का नाम | महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क |
आरंभ की गई | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा |
उद्देश्य | ग्रामीणों को रोजगार के साथ अच्छी आय प्रदान करना |
वर्ष | 2022-23 |
योजना के लिए बजट | 600 करोड़ रुपए का प्रावधान |
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के उद्देश्य
- रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना का मुख्य उद्देश्य गांव के लोगों को रोजगार के साथ अच्छी आय प्रदान करना है|
- योजना के माध्यम से ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाने के लिए मजबूती से कदम उठाए जाएंगे|
- इसके लिए विकासखंड में है 3 एकड़ भूमि पार्क के लिए आरक्षित की गई हैं|
- इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक संख्या में स्व सहायता समूहों की महिलाओं और युवाओं को रोजगार और अच्छी आय के साधन प्राप्त होंगे|
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा कहा गया कि प्रथम चरण में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित किए जाएंगे और इन पार्कों के लिए गोठानो में 1 एकड़ से 3 एकड़ भूमि पार्क के लिए आरक्षित की गई है| विकासखंड में दो गोठानो को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है इसके अलावा आपको बता दें कि राज्य सरकार के बजट में इस योजना के लिए करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है| स्वीकृत सभी रूरल इंडस्ट्रियल पार्कों को एक- एक करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई है| एक करोड रुपए की राशि से इन पार्कों मैं वर्किंग शेड और बिजली पानी की सुविधा के साथ-साथ एप्रोच रोड के निर्माण उपलब्ध कराने के साथ युवाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था का भी ख्याल रखा जा रहा है|
Mahatma Gandhi रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के लाभ
- महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के माध्यम से गांव के लोग रोजगार के साथ साथ अच्छी आय भी प्राप्त कर सकेंगे|
- इस योजना के कारण ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा|
- गांव के युवाओं एवं महिलाओं को इंडस्ट्रियल पार्क योजना के अंतर्गत बहुत से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे|
- गांव के लोग आत्मनिर्भर बन सकेंगे|
- इस योजना के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है|
- इस योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे हैं इंडस्ट्रियल पार्क में वर्किंग शेड बिजली पानी एवं एप्रोच रोड निर्माण के साथ-साथ युवाओं के प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जा रही है|
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इंडस्ट्रियल पार्क योजना के अंतर्गत रोजगार के साथ अच्छे आय के साधन

इस योजना के तहत विकसित किए गए गोठानो में वर्मी कंपोस्ट के निर्माण मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि और उद्यानिकी फसलों तथा वनोपजो के पृथक्करण की इकाई स्थापित की जा रही है| इसके अतिरिक्त आपको बता दें कि रोजगार के इन साधनों के साथ ही आटा चक्की, दाल मिल, तेल मिल की स्थापना भी की जा रही है| इन गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में स्व सहायता समूह की महिलाओं और युवाओं को रोजगार के साथ-साथ अच्छी आय के साधन प्राप्त होंगे यह रोजगार प्राप्त कर युवाओं के साथ साथ ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेंगी|